प्रेम मंदिर की यात्रा – एक 12 साल के बच्चे की नजर से(जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज)

आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में मानसिक शांति एक अनमोल खज़ाना बन चुकी है। ध्यान (मेडिटेशन) ही वह साधन है जो हमें इस भागदौड़ से निकालकर अंदरूनी शांति की ओर ले जाता है। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज से जानें एक ऐसी ध्यान विधि के बारे में जो न केवल आसान है, बल्कि बेहद प्रभावशाली भी है।
यह ध्यान की सबसे पुरानी और सरल तकनीकों में से एक है। इसमें किसी मंत्र, विशेष मुद्रा या कठिन प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं होती। केवल अपनी साँसों पर ध्यान देना होता है।
सबसे पहले एक शांत और आरामदायक स्थान चुनें।
सीधे बैठ जाएँ और अपनी आँखें बंद करें।
अब अपनी साँसों के आने और जाने पर ध्यान दें।
यदि ध्यान भटक जाए, तो धीरे-धीरे उसे फिर से साँसों की ओर ले आएँ।
शुरुआत में 5 से 10 मिनट तक करें, फिर धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं।
यह मन को तुरंत शांत करती है।
तनाव, घबराहट और चिंता को कम करती है।
मन की एकाग्रता बढ़ाती है।
अच्छी नींद लाने में मदद करती है।
अगर आप रोज़ाना सिर्फ 10 मिनट भी यह ध्यान करें, तो इससे मानसिक ऊर्जा बढ़ती है, सोच स्पष्ट होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है।
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